मंथन विचारांचे
सागर यादव
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Friday, 31 May 2019
खोल झालेल्या जखमा
काळाबरोबर भासल्या भरलेल्या
वर वर दिसल्या गोजिऱ्या
आतुन मात्र तेवढ्याच ठस ठसलेल्या
सागर
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