मंथन विचारांचे
सागर यादव
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Friday, 10 May 2019
कळ्यांची जाहली फुले
फुलांचे पडले सडे
मृदगंध त्यांचा असा दरवळे
प्रफुल्लित दशदिशा पहा गडे
सागर
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