मंथन विचारांचे
सागर यादव
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Wednesday, 17 October 2018
लिहायचं होत आज काही
हाती घेतली मग लेखणी
लिहायचं सोडून रेखाटली गेली
तसबीर त्या क्षणांची देखणी
सागर
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