मंथन विचारांचे
सागर यादव
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Monday, 4 May 2020
सूर्यास्त अन शांतता,
दोन्ही सोबतीला होती.
कुठेतरी वाऱ्याची झुळूक
आल्हाददायक भासत होती.
सागर
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