मंथन विचारांचे
सागर यादव
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Monday, 11 September 2017
तू दूर होण्याच्या भितीनं
तुझ्यावरच प्रेम मला जाणवलं
त्या नुसत्या जाणीवेन
मला समूळ हादरवलं
सागर
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