मंथन विचारांचे
सागर यादव
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Tuesday, 7 February 2017
क्षीण झालेल्या तार्याचे
कृष्णविवरच का बनते
प्रकाशात नांदणार्या विश्वाचे
सुख सांगा त्यास का सलते
सागर.......
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